अस्पताल कैसे शुरू करें 50 bed hospital business plan india
How To Start Hospital अस्पताल कैसे शुरू करें hospital business plan Hindi
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20 Bed hospital project cost in india आज के समय मे हम बहुत तेजी से विकास कर रहे है साथ ही हमारी शिक्षा का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। आज के समय में बहुत से लोग मेडिकल की पढाई करते है और यदि आप हॉस्पिटल खोलना चाहते है तो आपको डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय व कंपाउंडर आदि आसानी से मिल जायेंगे क्योकि आज के समय मे सरकारी क्षेत्र में जॉब नही मिलने पर लोग प्राइवेट अस्पतालों में भी जॉब कर रहें है और वहाँ भी अच्छी सैलरी ले रहें है।
ऐसे में आप अपना खुद का हॉस्पिटल खोलना चाहते है तो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा, आज के समय मे छोटी सी छोटी बीमारी में अस्पताल में दिखाते है, ऐसे में आपका हॉस्पिटल खोलने का पालन बहुत ही सही है
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अस्पताल क्या होता है ? Business plan for hospital in india pdf
चिकित्सालय या अस्पताल (hospital) स्वास्थ्य की देखभाल करने की संस्था है। इसमें विशेष चिकित्सको और अन्य स्टाफ के द्वारा तथा विभिन्न प्रकार के उपकरणों की सहायता से बीमार लोगों की बिमारियों की चिकित्सा/इलाज किया जाता है |
अस्पताल के विभाग
आधुनिक अस्पताल की आवश्यकताएँ अत्यंत विशिष्ट हो गई हैं और उनकी योजना बनाना भी एक विशिष्ट कौशल या विद्या है। प्रत्येक अस्पताल का एक बहिरंग विभाग और एक अंतरंग विभाग होता है, जिनका निर्माण वहाँ की जनता की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है।
बहिरंग विभाग ( OPD )
Outdoor Department :- बहिरंग विभाग में केवल शरीर के बाहरी रोगों की चिकित्सा की जाती है। वे दवाइयां लेकर या मरहम पट्टी करवाकर अपने घर चले जाते हैं। और इस विभाग में रोगी के रहने का प्रबंध नहीं होता। यह विभाग नगर के बीच में होना चाहिए जहाँ पर जनता बिना कोई परेशानी या रूकावट के इलाज हो सके। इसके साथ ही एक आपात (इमरजेंसी) विभाग भी होना चाहिए जहाँ आपद्ग्रस्त रोगियों का, कम से कम, प्रथमोपचार तुरंत किया जा सके।
आधुनिक अस्पतालों में इस विभाग के बीच में एक बड़ा कमरा, जिसमें रोगी प्रतीक्षा कर सके, बनया जाता है। उसमें एक ओर “पूछताछ” का स्थान रहता है और दूसरी और अभ्यर्थक (Receptionist) का कार्यालय, जहाँ रोगी का नाम, पता आदि लिखा जाता है और जहाँ से रोगी को उपयुक्त विभाग में भेजा जाता है। अभ्यर्थक का विभाग उत्तम प्रकार से, सब सुविधाओं से युक्त, बनाया जाए तथा उसमें कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या हो, जो रोगी को उपयुक्त विभाग में पहुँचाएँ तथा उसकी अन्य सब प्रकार की सहायता करें। बहिरंग विभाग में निम्नलिखित अनुविभाग होने चाहिए :
- चिकित्सा ,
- शल्य ,
- व्याधिकी (पैथॉलोजी) ,
- स्त्रीरोग ,
- विकलांग (ऑर्थोपीडिक),
- शलाक्य (इयर-नोज़-थ्रोट),
- नेत्र ,
- दंत ,
- क्षयरोग ,
- चर्म और रतिजरोग ,
- बालरोग (पीडियेट्रिक्स) और ,
- आपत्ति अनुविभाग
प्रत्येक विभाग में एक अनुविभाग होता है जिसमे एक विशेषज्ञ, उसका हाउस-सर्जन , एक क्लार्क , एक प्रविधिज्ञ (Technician), एक कक्ष-बाल-सेवक (ward-boy) और एक अर्दली होना चाहिए। प्रत्येक अनुविभाग निदानविशेष ( Divisional Diagnostics ) तथा चिकित्साविशेष (Medical Specialist ) के आवश्यक यंत्रों और उपकरणों से सुसज्जित होना चाहिए। hospital business plan Hindi
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अंतरंग विभाग (IPD)
Indoor Department :- अंतरंग विभाग में विषम रोगों तथा रोगी की अवस्था को देखकर चिकित्सा करने का प्रबंध होता है। प्रांत, नगर या क्षेत्र की आवश्यकताओं ओर वहाँ उपलब्ध आर्थिक सहायता के अनुसार ही छोटे या बड़े विभाग बनाए जाते हैं। थोड़े रोगियों (Ten to Fifteen) से लेकर ज्यादा रोगियों ( Thousands of Patients ) को रखने तक के अंतरंग विभाग बनाए जाते हैं।
यह सब पर्याप्त धनराशि ओर कर्मचारियों की उपलब्धि पर निर्भर है। बहुत बार धन उपलब्ध होने पर भी उपयुक्त कर्मचारी नहीं मिलते। । कुछ सामाजिक कारणों से उपचारिकाओं ( Nurse’s ) को बहुत अच्छी दृष्टि से नहीं देखा जाता | यह बात लोगों की संकीर्ण मानसिकता को प्रस्तुत करती है। लोगों के द्वारा ये सोचना बिलकुल भी सही नहीं है और इसमें कोई वास्तविकता नहीं है एक्स-रे तथा बेहतर आपरेशन थिएटर इस विभाग के अत्यंत आवश्यक अंग हैं। Business plan for hospital in india pdf
उपचार की सफलता ही संस्था की सफलता की कुंजी है इसी से अस्पताल के नाम में बढ़ोतरी या बदनामी का पता चलता है। अस्पताल तथा आधुनिक चिकित्सापद्धति (Medical Practice) का विशेष महत्वशाली अंग उपचारिकाएँ (Nurse’s) हैं। इस वजह से सरकार ने बेहतर और शिक्षित उपचारिकाओं (Nurse’s) को तैयार करने की आयोजना सरकार की ओर से की गई है।
अस्पताल का निर्माण How to open a multi-speciality hospital in india
Hospital Construction :- आधुनिक अस्पतालों का निर्माण इंजीनियरिंग की एक विशेष कला बन गई है। अस्पतालों के निर्माण के लिए राज्य के मेडिकल विभाग ने आदर्श मानचित्र (प्लान) बना दिए हैं, जिनमें अस्पताल की विशेष आवश्यकताओं और सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। सब प्रकार के छोटे-बड़े अस्पतालों के लिए उपयुक्त नक्शे तैयार कर दिए गए हैं जिनके अनुसार अपेक्षित विस्तार के अस्पताल बनाए जा सकते हैं।
अस्पताल बनाने के पूर्व यह भली-भाँति समझ लेना उचित है कि अस्पताल खर्च करनेवाली संस्था है, धनोपार्जन करनेवाली नहीं। आधुनिक अस्पताल बनाने के लिए आरंभ में ही एक बड़ी धनराशि की आवश्यकता पड़ती हैं; उसे नियमित रूप से चलाने का खर्च उससे भी बड़ा प्रश्न है। बिना इसका प्रबंध किए अस्पताल बनाना भूल है। धन की कमी के कारण आगे चलकर बहुत कठिनाई होती है | How to open a multi-speciality hospital in india
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अस्पताल बनाने के लिए जरूरी चीजे ( Requirements )
Requirements to Build Hospital :- अस्पताल को शुरु करने के लिए बहुत सी चीजो की जरुरत पड़ती है लेकिन फिर भी जिस चीज की जरुरत अस्पताल के आकार पर निर्भर करती है वह मुख्य है क्योकि ये अस्पताल शुरु करने के लिए आपके पास जगह का होना बहुत जरूरी है आप इसे किसी किराये की बिल्डिंग में न करें क्यूंकि अगर आप इसे किराये की जगह पर शुरू करते है तो यह आपके लिए काफी महँगा साबित हो सकता है :
- जगह ( Shop )
- इन्वेस्टमेंट (Investment)
- डॉक्टर/नर्स/कम्पाउण्डर/वार्ड बॉय/
- बिजली , पानी की सुविधा (Electricity, water facilities)
- मशीन
- लाइसेंस
- एम्बुलेंस
अस्पताल बनाने के लिए जगह ( Space )
Space to Build Hospital :- अस्पताल के लिए जगह का चुनाव सही ढंग से करना चाहिए क्योंकि अस्पताल का होना बहुत जरूरी है हर नगर , शहर ,कस्बे में इसकी जरूरत होती ही है है , इसलिए जगह का चुनाव इसमें एक मुख्य हिस्सा है | अस्पताल ऐसी जगह पर होना चाहिए जहाँ से लोगो की आवाजाही ज्यादा हो और सबको अस्पताल के बारे में पता चल सके |
अस्पताल के लिये जगह का निर्धारण करते समय आपको उसमे बेठने के लिए जगह , एक पार्क , एक कैंटीन और एक मेडिकल store के लिए भी जगह निर्धारित करनी होगी | इस सब के साथ साथ आपको गाडियों की पार्किंग के लिए भी जगह बनानी होगी | इसमें आपके अस्पताल की गाडियों (एम्बुलेंस ) को खड़ी कर्ण के लिए भी जगह निर्धारित करनी होगी ये गाड़िया आपकी अपनी है तो इनके लिए सुरक्षित जगह का प्रबंध करना जरुरी है |
अस्पताल बनाने के लिए इन्वेस्टमेंट ( Investment )
Investment to Build Hospital :- अस्पताल के अन्दर निवेश का सम्बन्ध अस्पताल के लिए बनाई जाने वाली इमारत और ईमारत बनने के बाद उसमे लोगो के उपचार के लिए डॉक्टर , विशेषज्ञ , नर्स , कम्पाउण्डर , सफाई कर्मचारी और इसके ही एक और महतवपूर्ण चीज दवाइयाँ और फर्नीचर का काम इन सब को जोड़ने के बाद आप जो पैसे इस में लगायेंगे वह आपकी इन्वेस्टमेंट होगी अपने अस्पताल के लिए इसके साथ ही कुक बातें है जहाँ पर आप इसमें लगने वाले पैसों को काम कर सकते है वह है अस्पताल की जमीन और उसमे आपके द्वारा उपचार के लिए रखे गये डॉक्टर |
इस सब के बाद यह आप पर निर्भर करता है की आप उपचार के लिए किस प्रकार के और कितनी गुणवत्ता वाले सामान का और दवाईयों का चयन करते है क्योंकि मार्किट में आपको हर तरह की दवाइयाँ मिल जायेंगी लेकिन यह आप पर निर्भर करता है की आप किस गुणवता का समान अपने अस्पताल के लिए लेके आते है | इसमें आपको एम्बुलेंस भी लेके आनी होगी क्योंकि किसी भी समय कोई भी जगह इसकी आवश्यकता हो सकती है
लागत :- लगभग 5 करोड़ रूपये
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अस्पताल के लिए चिकित्सक/नर्स/कम्पाउण्डर
Doctor/Nurse/Compounder for Hospital :- कोई भी अस्पताल खोलते समय उसमे सबसे मुख्य भूमिका उसमे सेवा देने वाले डॉक्टर की होती है | आप अस्पताल खोल रहें है तो उसमे आप अनुभवी डॉक्टर्स को ही अपने अस्पताल में रखें उस से आपको ही लाभ होगा क्योंकि जितना आपके अस्पताल में से मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत बढ़ेगा उतना ही ज्यादा आपके अस्पताल का नाम बढ़ेगा |
अस्पताल में डॉक्टर्स के होने के साथ साथ उसमे कम्पाउण्डर और नर्स की भी आवश्यकता होगी | नर्स और कम्पाउण्डर के लिए आप किन्ही भी मेडिकल से पढाई करे हुए मेडिकल लाइन में ही कोई कोर्स किया हुआ हो जो की एक समय डॉक्टर की गैर हाजिरी में भी अस्पताल को आसानी से सम्भाल सके | आप यह बात अच्छे से सुनिश्चित करलें की आप के द्वारा रखे गये कम्पाउण्डर और नर्स के पास अस्पताल में मरीजों के चल रहे उपचार से संबंधित मशीनों का ज्ञान है या नहीं |
क्योंकि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर नर्स या कम्पाउण्डर क्यूँ ही ना हो सब को मशीनों और दवाई संबंधित ज्ञान होना चाहिए जिस से वे कभी भी कोई विपत्ति आने पर बिना कोई देर करे First Aid Kit से दवाई लेके मरीज का उपचार कर सके |
अस्पताल के लिए मशीन hospital business plan Hindi
Machine for Hospital :- मानवीय बीमारियों के लिए खोले जाने वाले अस्पताल में हम जिन मशीनों को उपयोग में लेंगे उनकी गुणवता अच्छी होनी चाहिए क्योंकि अच्छी गुणवत्ता वाली मशीन ही काम के लिए बेहतर होती है | कोइ भी अस्पताल हो उसमे आपको भिन्न भिन्न रूप में कई प्रकार की मशीनें देखने को मिलेगी | उन सभी का काम अलग अलग है और सभी अलग अलग बिमारियों में इलाज के रूप में काम करने के लिए बनाई गयी होती है |
अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर्स और नर्स को मशीनों की जानकारी होना बहुत जरूरी है क्योंकि गंभीर से गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी ये मशीन ही होती है जो मानव शरीर को जीवित रखती है | जब भी आप मशीन खरीदें तो उसकी गुणवत्ता के बारे में आपको पता होना बहुत जरूरी है | मार्किट में सभी मशीनें आपको आसानी से मिल जाएँगी लेकिन कुछ मशीनें होती है जो बहुत ज्यादा कीमती होती है और साथ ही कई बार मशीन उपलब्ध ना होने पर बाहर से भी मंगवानी पड़ सकती है | hospital business plan Hindi
एक अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली कुछ मशीनों के नाम और उनसे संबंधित काम निचे दिए गये है :
- वेंटीलेटर :- जब सारे अंग काम करना बंद करने लगते हैं तो यह मशीन जीवनदायी बनती है। यह रोगी को एक एंडोट्रेकियल ट्यूब की मदद से उसे सांस लेने में मदद करती है। इस ट्यूब को रोगी की सांसनली में लगाया जाता है।
- इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राफी :- यह ईईजी मशीन दिमाग की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज को रिकॉर्ड करती है। यह दिमाग की कार्यविधि में किसी भी कारण से होने वाली गड़बड़ को रिकॉर्ड करके बता देती है।
- डायलिसिस मशीन :- कि डनी की समस्या वाले रोगियों के लिए यह सबसे जरूरी है। इसकी मदद से रक्त को बाहर निकालकर शुद्ध किया जाता है और वापस शरीर में डाला जाता है। इस शुद्धीकरण के लिए डायलाइजर नामक छलनी का प्रयोग किया जाता है। रक्तसे यूरिया और क्रिएटिनिन की गंदगी को निकालने के लिए डायलिसिस कई तरह का होता है जो रोगी की स्थिति को देखकर किया जाता है।
- सेंट्रल लाइन :- यह डायलिसिस, दवाई देने या खून निकालने के लिए गर्दन के पास लगाई जाने वाली कैथेटर यूनिट है। इसे सबसे बड़ी और गहरी शिरा में लगाया जाता है।
- पल्स ऑक्सीमीटर :- रोगी की अंगुली या अंगूठे में एक क्लिपनुमा प्रोब लगा दिया जाता है जो इस मशीन से जुड़ा होता है और रोगी के खून में ऑक्सीजन को मापता है। hospital business plan Hindi
- ईईजी बॉक्स/इलेक्ट्रोड्स :- मस्तिष्क में एक साथ कई एक्टिविटीज होती हैं। एक ही समय में चल रही किसी खास एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए मल्टीपल इलेक्ट्रोड्स भी लगाए जाते हैं जो उस एक्टिविटी की मैपिंग करते हैं।
- आईसीयू मैट्रेस :- आईसीयू में मरीज को लंबे समय तक सीधे लेटे रहना होता है इसलिए यहां मौजूद गद्दों में हवा या पानी होता है ताकि यह सपाट रहे व रोगी की कमर में किसी तरह की समस्या न हो।
- बेडसाइड मॉनिटर :- टीवी जैसा मॉनिटर इस यूनिट की खास मशीन है। यह सभी रोगियों के लिए जरूरी है। इसके जरिए हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, ईसीजी व वाइटल संकेतों पर नजर रखी जाती है।
- इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प :- यह खून की नली में दवाइयों को लिक्विड के रूप में भेजता है। सभी आईसीयू में यह सबसे पहले उपयोग में लाई जाने वाली मशीन है।
- फीडिंग ट्यूब व पम्प :- यह एक पतली नली होती है जो नाक के जरिए पेट तक पहुंचती है। इसी के जरिए रोगी को खाना दिया जाता है। इसका उपयोग पेट में जमा खाने को बाहर निकालने में भी किया जाता है। इस ट्यूब के माध्यम से भोजन तरल के रूप में सीधे पेट यानी आमाशय तक पहुंच जाता है।
- रेस्ट्रेंट्स :- यह नरम कपड़े के बने बंधन हैं जो उत्तेजित रोगी के दोनों हाथों को जकड़ कर रखने के लिए होते हैं। मरीज की उत्तेजना की स्थिति में यह रेस्ट्रेंट्स लगाने पड़ते हैं।
- कैथेटर :- अक्षम रोगी पेशाब नहीं जा सकता इसलिए उसके ब्लैडर में एक कैथेटर ट्यूब लगा दी जाती है। यह ट्यूब यूरिन को एक पाउच में जमा करती रहती है।
- कम्प्रेशन स्टॉकिनेट्स :- रोगी के अक्षम होने पर यह मशीन पैरों की मांसपेशियों को दबाती है जिससे उसकी नसों में खून का थक्का न जमने पाए।
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अस्पताल के लिए एम्बुलेंस hospital business plan Hindi
Ambulance for Hospital:- आप एक अस्पताल खोल रहें है तो आपको पता होना चाहिए की वहाँ क्या क्या और किस चीज की जरुरत आपको होगी एम्बुलेंस भी उनमें से ही एक है इसका इस्तेमाल के बारे में तो आप भी अच्छे से जानते है की यह कैसे और क्या क्या काम करती है | जैसे जैसे आपके अस्पताल में मरीजो की संख्या बढ़ेगी आपके अस्पताल की पहचान भी बढ़ेगी |
एम्बुलेंस का काम मरीजो को लेने और ले जाने के काम आता है जब किसी एक अस्पताल से दुसरे अस्पताल में मरीज को शिफ्ट करना हो या किसी दूर दराज के इलाके से जहाँ पर से मरीज का आना असम्भव सा लगता है तब उस परिस्तिथि में एम्बुलेंस का उपयोग एक बेहतर विकल्प होता है | जब कभी भी जरुरत होती ह हम अस्पताल में फोन करके एम्बुलेंस को अपने घर पर ही बुला लेते है | hospital business plan Hindi
मरीज की परिस्तिथियों को देख के एम्बुलेंस को बुलाया जाता है | जब कभी भी सड़क दुर्घटना होती है या कोई आपदा होती है तब एम्बुलेंस की बहुत ज्यादा जरुरत होती है इसलिए आपको अपने अस्पताल के लिए एम्बुलेंस को लाना बहुत जरूरी है |
अस्पताल खोलने पर लाभ ( Profit )
Profit in Hospital :- अस्पताल को अगर बिजनेस करने के तरीके से देखा जाए तो आप इस से बहुत पैसे कमा सकते है लेकिन यह एक पूण्य का काम है और अगर आप गरीबों का इलाज कम खर्चे पर करते है तो यह उनके लिए आपको भगवन समझने से कम ना होगा | अस्पताल में जब कोई मरीज या कोई अन्य किसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित होकर आता है या एडमिट किया जाता है तब उसकी और उसके परिवार की नजरो में डॉक्टर्स भगवान से कम नहीं समझे जाते है | आप अस्पताल से बहुत अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है अगर आप के अस्पताल से बहुत से मरीज जुड़ जाते है तो | लेकिन आपको इस में कभी भी कोई नुकसान उठाने का खतरा ना के बराबर होगा | hospital business plan Hindi
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