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एल्युमिनियम डोर-विंडो मेकिंग बिजनेस कैसे शुरु Aluminium Door-Window Making Business

एल्युमिनियम डोर-विंडो मेकिंग बिजनेस कैसे शुरु Aluminium Door-Window Making Business

एल्युमिनियम एक हल्का पदार्थ है और इस प्रकार एल्युमीनियम के दरवाजे, रेलिंग, खिड़कियां, ग्रिल वर्क आदि बनाने के लिए उपयोग किया जाता है जो आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए हैं। इसका उपयोग सजावटी वस्तुओं के निर्माण के लिए भी किया जाता है इसलिए एल्युमीनियम डोर विंडो की मांग हर दिन बढ़ रही है।

एल्युमिनियम डोर विंडो बनाना भारत में एक लाभदायक निर्माण बिज़नेस है, क्योंकि अधिकांश functional क्षेत्रों में एल्यूमीनियम का उपयोग कार्यात्मक के साथ-साथ decoration उद्देश्यों के लिए और स्टैकिंग उद्देश्यों के लिए किया जाता है इस लिए इनका बिज़नेस एक अच्छा बिज़नेस है जिसके अन्दर अच्छी कमाई कर सकते है |

एल्युमिनियम डोर-विंडो मेकिंग बिज़नेस के लिए जरूरी चीजे

Aluminium Door-Window Making Business Requirements :- इस बिज़नेस को शुरु करने के लिए बहुत सी चीजो को जरुरत पड़ती है  लेकिन चीज की जरुरत बिज़नेस के आकार पर निर्भर करती है क्योकि ये बिज़नेस छोटे लेवल से शुरु करते है तो ज्यादा चीजो की जरुरत नही पड़ती है और बिज़नेस बड़े लेवल पर शुरु करते है तो बहुत सी Requirements होती है |

  • इन्वेस्टमेंट (Investment)
  • जमीन (land)
  • बिज़नेस प्लान (Business plan)
  • बिल्डिंग (Building)
  • मशीन (Machine)
  • बिजली, पानी की सुविधा (Electricity, water facilities)
  • कर्मचारी (Staff)
  • कच्चा माल (Raw Material)
  • वाहन (Vehicle)

अब निचे सभी के बारे में विस्तार से बतायेंगे की किस चीज कितनी जरुरत पड़ती है |

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एल्युमिनियम डोर-विंडो मेकिंग बिज़नेस के लिए इन्वेस्टमेंट

Investments For Aluminium Door-Window Making  Business :- इस बिज़नेस के अन्दर निवेश इस Business और जमीन के ऊपर निर्भर करता है क्योकि यदि बड़ा Business शुरु करते है तो ज्यादा इन्वेस्टमेंट (Investment) करनी पड़ती है और छोटा बिज़नेस  शुरु करते है (Tamarind Paste banane ka business ) तो उसके अन्दर कम इन्वेस्टमेंट (Investment) करनी पड़ती है ( Aluminium Door-Window   banane ka business )और खुद की जमीन है तो कम पैसो में काम चल सकता है और यदि जमीन किराये पर लेते है या खरीदते है तो उसके अन्दर ज्यादा इन्वेस्टमेंट  (Investment)करनी पड़ती है Aluminium Door-Window Manufacturing Business

और इसके अन्दर मशीन भी कई प्रकार की आती है और सभी के रेट भी अलग अलग है इनके ऊपर भी इन्वेस्टमेंट निर्भर करती है  इनके बाद इस Business को अच्छे लेवल पर शुरु करने के लिए मशीन खरीदनी पड़ती बिल्डिंग बनानी पड़ती है जिसके अन्दर मशीन लगेगी और स्टॉक रखने के लिए सभी चीज के लिए बिल्डिंग फिर बिजली, पानी की सुविधा और कच्चा माल व् वाहन सभी के लिए अलग अलग इन्वेस्टमेंट(Investment) करनी पड़ती है जैसे ;

Total Investment = Rs. 5  To  10  Rs. Lakhs

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एल्युमिनियम डोर-विंडो मेकिंग के बिज़नेस के लिए जमीन

 Land ForAluminium Door-Window Making Business Hindi :-  इसके अन्दर अच्छी जमीन की जरुरत नही  पड़ती है क्योकि इसके अन्दर प्लांट बनाना पड़ता है उसके बाद गोडाउन बनाना पड़ता है और कुछ जमीन पार्किंग के लिए चाहिए   

Total Space :- 1000 Square Feet To   3000   Square Feet

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एल्युमीनियम डोर-विंडो बनाने का बिज़नेस शुरू करने के लिए कच्चा माल

Raw materials to start an aluminium door-window making business :- एल्युमीनियम डोर विंडो बनाने में, आवश्यक कच्चा माल विशिष्ट फैब्रिकेशन उत्पादों के उत्पादन पर आधारित होता है। हमने कुछ सामान्य कच्चे माल को शॉर्टलिस्ट किया है ताकि आप ध्यान में रख सकें। वे हैं

  • बुक टाइप हैंड्रिल 100 मिमी आकार,
  • एनोडाइजिंग के लिए रसायन,
  • क्लिप, फ्लैट 50 मिमी x 1.5 मिमी मोटा,
  • ग्लास शीट / बोर्ड 3 मिमी / 4.5 मिमी,
  • दरवाजों के लिए हैंडल अनुभाग, 112 मिमी x50 मिमी अनुभाग,
  • 25 मिमी वर्ग पाइप, 50 मिमी x 25 मिमी अनुभाग,
  • 63 मिमी x 38 मिमी अनुभाग।

इन टिकाओं के अलावा रबर, बोल्ट, पेंच, ताले, प्लास्टिक या लकड़ी के प्लग आदि का भी उपयोग किया जाता है।

एल्युमीनियम डोर-विंडो मेकिंग शुरू करने के लिए पंजीकरण और लाइसेंस

कंपनी का पंजीकरण: अपना कम निवेश वाला Business शुरू करने का पहला कदम अपनी कंपनी को आरओसी (कंपनियों का रजिस्टर) के साथ पंजीकृत करना है।

कंपनी का पंजीकरण: अपना कम निवेश वाला Business शुरू करने का पहला कदम अपनी कंपनी को आरओसी (कंपनियों का रजिस्टर) के साथ पंजीकृत करना है।
एसएसआई इकाई पंजीकरण: उत्पाद के लिए एसएसआई इकाई रखने के लिए आपको एसएसआई को इकाई पंजीकरण (अनिवार्य नहीं) में ले जाना होगा।

व्यापार लाइसेंस: स्थानीय अधिकारी आपके व्यवसाय को संचालित करने के लिए व्यापार लाइसेंस की अनुमति देंगे।
जीएसटी पंजीकरण: जीएसटी पंजीकरण किसी भी व्यवसाय के लिए बहुत अनिवार्य है जिसमें जीएसटी नंबर प्राप्त करने के लिए सरकार के साथ व्यापार की सूची शामिल है।

बीआईएस गुणवत्ता मानक: यह दरवाजे और खिड़की के निर्माण के लिए आवश्यक एल्यूमीनियम सामग्री के विनिर्देश और आयाम के लिए गुणवत्ता और मानक को चिह्नित करता है।

आईएस (1948-1961): यह एल्युमीनियम खिड़की की विशिष्टता है जो निर्माण उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले एल्युमीनियम से संबंधित है।

एल्युमीनियम डोर-विंडो मेकिंग के लिए आवश्यक मशीनरी

 Machinery required for fabrication business :- ये कुछ प्रकार की मशीनरी हैं जो व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक हैं। इनमें शामिल हैं एक भारी शुल्क वाली कट-ऑफ मशीन: 2 एचपी मोटर; एनोडाइजिंग प्लांट: रेक्टिफायर 500Amps। 30 वोल्ट; बफरिंग मशीनें: 2 एचपी मोटर्स; डबल-एंडेड बेंच ग्राइंडर: 75 एचपी मोटर (200 मिमी व्यास); ड्रिलिंग मशीन: 12 मिमी टोपी, 0.5 एचपी मोटर; पोर्टेबल इलेक्ट्रिक ड्रिल; एक्सट्रूज़न की एक छोटी सूची; यौगिक मैटर देखा; कांच काटने की मेज; कांच के पैनल; स्क्रूड्रिवर जैसे हाथ उपकरण; नट और बोल्ट; रबर गैसकेट; हाथ उपकरण, कार्यक्षेत्र, आदि।

एल्युमीनियम डोर-विंडो मेकिंग बिजनेस करने के लिए मार्केटिंग

Marketing in aluminium door-window making  Business :- इस बिज़नेस के लिए मार्केटिंग करनी बहुत जरुरी हैं क्योंकि , इसके बिना आपको  बिज़नेस को चलाना आसान नही होगा | आपको अपने बिजनेस के विज्ञापन के लिए कार्ड छपवाने होंगे , आप इसका विज्ञापन टीवी पर भी दे सकते है |

यदि आपको यह aluminium door-window making  Business in Hindi की जानकारी पसंद आई या कुछ सीखने को मिला , तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social Media Sites पर Share कीजिये |

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