Last updated on November 11th, 2023 at 05:25 am
Women Reservation Bill 2023 महिला आरक्षण बिल को मिली कैबिनेट की मंजूरी, आज संसद में पेश होगा बिल:सूत्र
Women Reservation Bill hindi 2023 : पीछे कुछ समय से जब से पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र को बुलाया जब से Women Reservation Bill बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है उसके बाद 18 सितम्बर 2023 जब सत्र हुआ उसके बाद कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी. सूत्रों के मुताबिक महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है.
लेकिन लगभग डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक के बाद सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई थी कहा जा रहा है की मंगलवार को दोपहर 2.15 बजे सदन में पेश किया जाएगा क्योकि यह बिल 27 साल से पेंडिंग था जिसे अब NDA सरकार लेके आ रही है लेकिन बहुत से लोगो के मन में यह प्रश्न जरुर है की Women Reservation Bill Kya hai या फिर किसके लिए इसके कितने फायदे है |
महिला आरक्षण बिल क्या है
Women Reservation Bill 2023 :- महिला आरक्षण बिल संविधान के 85 वें संशोधन का विधेयक है। इसके अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटों पर आरक्षण का प्रावधान रखा गया है। इसी 33% में से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी है। यह विधेयक बहुत 27 साल के लंबे समय से अधर में लटका हुआ है।
लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार को इसे मंजूरी दे दी है और 19 सितम्बर 2023 को ये बिल दोनों सदन से पास हो सकता है |
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महिला आरक्षण का इतिहास Women Reservation Bill hindi
पहली बार इस Women Reservation Bill को HD Deve Gowda के नेतृत्व वाली लोकसभा में 1996 में पेश किया गया था। तब भी सत्तारूढ़ पक्ष में एक राय नहीं बन सकी थी। तब विधेयक की खिलाफत Sharad Yadav ने की थी। इसके बाद जब कुछ साल पहले बिल पेश किया जा रहा था, तब भी Sharad Yadav ने ही इसका विरोध किया था। 1998 में जब इस विधेयक को पेश करने के लिए तत्कालीन कानून मंत्री थंबी दुरै खड़े हुए थे, तब संसद में काफी हंगामा और हाथापाई हुई थी। विधेयक की प्रति भी लोकसभा में ही फाड़ दी गई थी।
फिर UPA-1 की सरकार के दौरान 6 मई, 2008 को इस विधेयक को राज्यसभा में दोबारा पेश किया गया. महिला आरक्षण विधेयक 9 मई, 2008 को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा गया. स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट 17 दिसंबर, 2009 को प्रस्तुत की गई. केंद्रीय कैबिनेट ने फरवरी 2010 में इस विधेयक को मंजूरी दे दी. इसके बाद 9 मार्च, 2010 को राज्यसभा से पारित हो गया, लेकिन लोकसभा में लंबित था. आरजेडी और समाजवादी पार्टी ने जाति के हिसाब से महिला आरक्षण की मांग करते हुए इसका विरोध किया.
अब 27 साल के लंबे समय के बाद एक बार फिर से ये बिल लाया जा रहा है जो अबकी बार पास होगा और एक कानून बनेगा 19 सितम्बर 2023 को ये बिल दोनों सदन से पास हो सकता है ||
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